Saturday, August 12, 2017

इस सदी की सबसे दुखद घटना - १२ अगस्त २०१७

1947 में बटवारे के वक़्त
लाखों मारे गए
करोड़ों बेघर हुए
शामिल थे मेरे पूर्वज
रो देती थी दादी 
सुनाते हुए वो वाक्या
मैं बचपन में ही 
बड़ा हो गया था

इतिहास में दर्ज़ है
हिटलर के जुल्मों का 
हिसाब 
जो दहला देता है
कठोर से कठोर हृदय को
कहानियां उन दिनों की
आज भी कंपा देती है
भीतर से

अमेरिका के लिटल बॉय
ने एक क्षण में कई लाख
लोग पिघला के हवा कर दिए
हिरोशिमा में
इससे डरावना भी कुछ
हो सकता है क्या?

भोपाल ट्रेजडी
1984
गुजरात
फिलिस्तीन
सीरिया 
इराक
अफगानिस्तान
पिताजी का निधन 

हर मौके पे
आंखों का बस 
नम होते होते रह जाना

कितना दूर हूँ यथार्थ से

इस सदी की सबसे दुखद घटना, 
जिसने बदल कर 
रख दिया जीवन
इस सदी की उस सबसे दुखद
घटना में कोई नही मरा
न चोट लगी किसी शरीर को

बस एक चुप्पी
जो बरसों तक गूंजती रही।

Monday, August 07, 2017

प्रेम की गलियां - ७ अगस्त २०१७

टूटा जा सकता है
गिरा जा सकता है
उठा जा सकता है
मिटा जा सकता है
जिया जा सकता है
मरा जा सकता है
जीता जा सकता है
और 
हारा भी जा सकता है

पर हार मान नही सकते
लौट कर जा नही सकते,

ये इश्क़ है मियां
कोई जंग थोड़ी न है।